गुरु का मामला गड़बड़; नवजोत सिद्धू की रिहाई पर आई बड़ी खबर, जानिए क्या है अपडेट?
Navjot Sidhu Release From Jail News
Navjot Sidhu Release From Jail News: पटियाला जेल (Patiala Jail) में बंद पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू की रिहाई को लेकर अब बड़ी खबर सामने आ रही है। कहा जा रहा है कि, सिद्धू की रिहाई अटक सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिद्धू को 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर रिहा किया जाना है। सिद्धू सहित रिहा होने वाले अन्य कैदियों की सूची तैयार है। लेकिन इस सूची को अभी तक पंजाब सरकार की मंजूरी नहीं मिल सकी है और इसी को देखते हुए सिद्धू की रिहाई पर भी सस्पेंस बरकार है।
एक फरवरी को पंजाब कैबिनेट की बैठक
जानकारी के मुताबिक, पंजाब सरकार की कैबिनेट बैठक में रिहा होने वाले कैदियों पर फैसला लिया जाएगा। उनकी रिहाई को मंजूरी दी जाएगी और इसके बाद फाइल राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजी जाएगी। लेकिन बताया जा रहा है कि, पंजाब सरकार की कैबिनेट बैठक एक फरवरी को होने वाली है। मसलन, 26 जनवरी को रिहा होने वाले कैदियों की की रिहाई ठंडे बस्ते में रहेगी। हालांकि, इस बीच यह संभावना भी जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान कैदियों की रिहाई की लेकर 26 जनवरी या इससे पहले कोई घोषणा भी कर सकते हैं।
पंजाब की राजनीति में सिद्धू को लेकर सरगर्मी बढ़ी
सिद्धू की रिहाई का तो पता नहीं लेकिन उनकी रिहाई की खबर पर ही पंजाब की राजनीति में सरगर्मी बढ़ गई है। सिद्धू समर्थकों में खुशी का माहौल है और साथ ही बदलाव की अटकलें भी तेज हैं। चर्चा है कि कांग्रेस आलाकमान की तरफ से नवजोत सिद्धू को बड़ी भूमिका मिल सकती है। फिलहाल तो अब देखना यह होगा कि, सिद्धू के लौटने पर पंजाब कांग्रेस के अंदर क्या बदलाव होता है?
20 मई से पटियाला जेल में बंद हैं सिद्धू
बतादें कि, नवजोत सिंह सिद्धू 20 मई से पटियाला जेल में बंद हैं। सिद्धू ने करीब 34 साल पुराने एक रोडरेज केस में सुप्रीम कोर्ट से एक साल की सजा मिलने के बाद खुद को पटियाला कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। जिसके बाद उन्हें पटियाला जेल में लाकर बंद कर दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सिद्धू को पटियाला जेल में बैरक नंबर 10 में रखा गया है और क्लर्क का काम दिया गया है।
1988 का है रोडरेज मामला
बतादें कि, रोडरेज का यह पूरा मामला दिसंबर 1988 का है। जब पटियाला में सिद्धू की सड़क पर एक बुजुर्ग से झड़प हो गई थी। बताया जाता है कि इस झड़प में मारपीट हुई और जिसके बाद उस बुजुर्ग शख्स की मौत हो गई। जहां, इस मामले में फिर पटियाला पुलिस ने सिद्धू के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था। इस मामले में पहले निचली अदालत में सुनवाई चली। जहां से सिद्धू बरी हो गए।
लेकिन जब मामला हाई कोर्ट पहुंचा तो पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने 2006 में सिद्धू को इस मामले में तीन साल की सजा सुनाई थी। सिद्धू तब भाजपा के अमृतसर से सांसद थे। सजा के बाद सिद्धू को इस्तीफा देना पड़ा था। साथ ही सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले का चुनौती दी थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को बरी को कर दिया था लेकिन बाद में पीड़ित पक्ष ने पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सिद्धू की मुश्किलें फिर बढ़ा दीं और अब नतीजा यह रहा कि पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक साल की सजा सुना दी।
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